हमें अपने मन को सभी प्रकार की पूर्व कल्पनाओं, लालसाओं, डरों, नफरतों, विद्यालयों, आदि से मुक्त कर देना चाहिए. वह सभी दोष झंझीरें हैं जो की हमारे मन को बाहरी इन्द्रियों से जकड़े हुए हैं.सामाएल आउन वियोर. तैरोत और काबलाह, पाठ ५५.
How do clairvoyants greet eachother?
- You are ok. How am I?