ध्यान का विज्ञानं
जिस तरह एक विज्ञानिक सूक्ष्मदार्शंयंत्र का प्रयोग करता है बक्टेरिया को ढूँढने के लिए, ठीक उसी तरह एक ग्नोस्टिक ध्यान का प्रयोग करता है ,न केवल अपने अंदरूनी रहस्य जानने के लिए लेकिन उस ब्रहमांड के भी जो उसे घेरे हुए है.
ध्वनि और चक्र
हेर्मेतिसिस्म की सभी परम्पराओं ने ध्वनी की अद्भुत शक्तियों का उल्लेख किया है.क्या आप जानते हैं की कुछ ध्वनियों का जादुई संयोजन ऐसी उपलब्धियों को जागरूक कर सकता है जो की मनुष्यों में निद्रा की अवस्था मैं हैं?
काबलाह के दस सेफिरोट्स
हेब्र्यु के उत्पत्ति कहेते है की स्वर्ग(इडन) में दो पेड़ हैं:ज्ञान का पेड़ और जीवन का पेड़.दूसरा पेड़ भगवन के रेहेस्यों को संजोय हुए है.वह सब जानियें जो की कबलाह इस विषय में कहेता है.
मानव का मूल
अनात्मवादी अन्थ्रोपोलोजी ने , अपने भयानक विरोधों के साथ,अभी तक इस पहेली का उतार नहीं दिया है की मनुष्यों का मूल क्या है.केवल एक प्रायोगिक विज्ञानं जैसे की ग्नोस्टिक अन्थोपोलोजी की खोज ही हमें बता सकती है की हम कहाँ से उत्पन्न हुएँ हैं.
कैसे सुनना सीखें?
यह कथन कई लोगों को आश्चर्य में दाल सकता है :अपेक्षकृत यह जानना आसन है की कैसे बोला जाये ,लेकिन यह जानना बहुत कठिन ही की कैसे सुना जाये. केवल उन अगणनीये मानसिक तरीकों को जानने के बाद,जो हमें अतीत के बंधी बनाये हुएँ हैं ,ही हम कुछ नया सुन और जान पाएंगे.
'मैं' की मृत्यु के प्रबोधक
हेर्मितिसिस्म के विद्यालयों ने रहस्यमई रूप से एक मानसिक तरीका सिखाया है ,एक तरीका जो हम अपने रोजमर्रा के जीवन में व्यव्हार में ला सकते हैं सभी अहम सम्बन्धी उर्जाओं को वश में करने और नष्ट करने के लिए ,जो हमारे व्यवहार को नियंत्रित करती है और हमारे अस्तित्व में कड़वाहट पैदा करती है.
ऊर्जा की ट्रांस्मुटेशन
निःसंदेह ही.यौन ऊर्जा ही मनुष्य की सबसे बलशाली ऊर्जा.ज्यादातर लोगों की अवधारणा के विरुद्ध ,यौन ऊर्जा केवल सृजन में ही उपयोगी नहीं है. हमारे अन्दर इसका सही बदलाव हमें कई फायदे पहुंचा सकता है. उदहारण के तौर पर: प्राकृतिक जन्म नियंत्रण,स्थूल शरीर का स्वास्थ्य.इत्यादि.
श्रेष्ठ सेक्सोलोजी
कामुकता के कुछ उपयोगों ने मनुष्य को नीचा करदिया,तब वह नीची कामुकता के क्षेत्र एक कहलाये जाते हैं.जब सहवास हमारे पुनर्जन्म के लिए होता है ,तब उससे श्रेष्ठ कामुकता कहा जाता है.
'मैं' का मूल
बहुत से लोग यह सोचतें हैं की आदम और इव को स्वर्ग से निकला गया था क्योंकि उन्होंने निषेद सेब खाया था.पवित्र लेख प्रतीकात्मक भाषा में लिखे जातें हैं ,और वह आक्षरिक रूप में समझें नहीं जातें .इसाई पुस्तक का पहिला काण्ड कबल्लाह और एल्केमी का वास्तविक लेख है.यह ग्नोस्टिक विद्या आपको वास्तविक मूल और वास्तविक पाप के चिन्ह समूह को जान ने का अवसर देंगी.
सौर पुरुष का अध्ययन
छुपी हुई भाषा में,मध्यकालीन एल्केमिस्ट ने हमारे शारीर की तरह अन्य शारीर बनाने के तरीके की और इशारा किया है,जिनकी सहायता से हम उच्चतर आयामों में भ्रमण कर सकतें हैं .यही है "म्युटेंट" का महान गूढ़.
चार रास्ते
कुछ लोग श्रेष्ठ की खोज में आम जीवन से परे हट चुकें हैं.कुछ ने फकीरों का मार्ग अपनाया,कुछ ने योगी का,और कुछ ने मठधारी का......केवल कुछ ही संत "चौथे मार्ग" को प्राप्त कर पाए जो की बाकी तीनो रास्तों का मिश्रण है.
एल्केमी और महान कार्य
एक गहेराई में छुपा हुआ गूढ़ ,एक बहुमूल्य रतन,सबसे बहुमूल्य खज़ाना,निःसंदेह ही एल्केमिस्ट का महान "आर्कनुम ऐ ज़ि एफ " ही है.ऐसा कहा जाता है की ऐसा राज़ लैड को सोने में बदल सकता है और परस पत्थर की रचना कर सकता है.
दन्ते के नौ क्षेत्र
सभी दर्शन शास्त्र और पौराणिक धर्म नरक के होने को स्पष्ट करतें हैं.दांते आलिघेरी नरक को गहेराई से समझतें हैं.यहाँ आप उस दुनिया को और उसके "रेसन डीटर "को जान पायेंगे.
रूण का अध्ययन
मन्त्रों की शक्ति पूरे ध्यान और कुछ गुप्ता शारीरिक मुद्राओं के साथ,हमें लौकिक ऊर्जाओं का प्रवाह अपनी अंदरूनी उन्नति के लिए मोड़ने में समरत्थ करेंगी.
तिबेट का लामासना
तिबेट के रहस्यों से एक अद्भुत कसरत हम तक चल कर आई है.यह कसरतें हमारे शारीर के बीमार अथवा क्षतिग्रस्त इन्द्रिक पदार्थों को पुनर्जन्म देने में समर्थ हैं.इन विद्याओं से अपने स्वास्थ्य को बहेतर करना मश्किल नै है.
चेतना के परिवर्तन के तीन सिध्धांत
रास्ता जो की हमें महान वास्तविकता,जिसमें सब कुछ बसा हुआ है,के भीतर ले जा सकता है उसके तीन सिद्धांत हैं जिनको जान ना आवश्यक है:एल्केमिकल जन्म,मानसिक मृत्यु और मनुष्य जाती के लिए त्याग.
पुनर्जीवन की ग्नोस्टिक पाठशालाएं
आज के दौर में अनेक चाद्मागुप्ता पाठशालाएं हैं.पुनर्जन्म की पाठशालाएं बिलकुल विपरीत हैं;यह चेतना के परिवर्तन के तीन सिध्हंत सिखाती हैं.इन पाठशालाओं को ईशु मसि,मोसिस,बुद्ध,हेर्मिस त्रिस्मेगिस्तास,इत्यादि जैसे पुरुषों को पैदा करने की ख्याति प्राप्त है.
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