सामाएल आउन वियोर, नोस्टिक मानव-शास्त्र के पिता

इस के लेख़क हैं सम्पादक   

सामाएल ऑन वेओर

श्री सामाएल आउन वियोर,मानवविज्ञानी और शास्त्र के ज्ञाता, एक उत्कृष्ट शोधकर्ता थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन उन महान वास्तविक्ताओं का अध्ययन करने में अर्पित कर दिया जो हमारी मनुष्य जाती को पूर्व सभ्यताओं से भिन्न प्रकार से विरासत में मिली : . ञान विद्या,. धर्म ,कला , विज्ञान.

उनका जन्म बोगोटा, कोलोम्बिया में 6 मार्च ,1917 में हुआ था.

उन्होंने अपने जीवन के पहले महीने से ही अत्यंत आत्मिक अभिलाषाएं दिखाई. उन्होंने सभी रहस्यमई विषयों के प्रति अत्याधिक आदर और इज्ज़त दिखाते हुए,अपनी शिक्षा नगर के शासकीय धर्म से ग्रहण की.

वह जब 9 वर्ष के थे, वो धर्मग्रंथों और लैटिन का अध्ययन करते थे. एक बालक होने के बावजूद भी उन्होंने अपने घर को त्याग दिया और जीवनपथ में प्रवेश करके रहस्यमयी मार्गों की खोज की शुरुवात की.

जब वह 12 वर्ष के थे तब उन्होंने स्पिरितिस्म का अन्वेषण किया और उत्सुकता से तत्वमीमांसा के बहुत सारे कार्यों का अध्ययन किया और उत्कृष्ट उपलब्धियां प्राप्त की. उन्होंने दुनिया के कई स्थानों की यात्रा की और दर्शन, मीमांसा, मनोविज्ञान और विज्ञान शेत्रों की अपनी मज़बूत अभिलाषा के साथ आगे बढ़ते रहे.

सामाएल ऑन वेओर meditating

 

16 वर्ष की आयु में उन्होंने आधुनिक विज्ञान के प्रकाश में धार्मिक विषयों का विश्लेषण किया.

अपने माता पिता से शिष्टाचार सिखाया गये और कोशिश कर के बिना महान वक्तृत्व जब सार्वजनिक व्याख्यान दे रहे थे तो सत्रह साल की उम्र में ओसोफिकल सोसायटी को व्याख्यान दे रहे थे. बाद में, उन्होंने गहराई से राया-योग, भक्ति, कर्म, योग, जनन-योगा, आदि आदि, का अभ्यास किया .

18 वर्ष की आयु में वह अन्सिएंत रोसिक्रुकियन स्कूल (rप्राचीन रोसिक्रुसियन स्कूल ) के सदस्य बने. यह योग्य संस्था डॉ अरोनोल्ड कृम्म हेलर (मास्टर हिराकोचा) द्वारा की गयी थी. वह विशाल सामग्री के कई जटिल सिद्धांतों में डुबे , क्योंकि वह केवल अनंत लालसा के अरमान के साथ अपने पुराने रास्ता खोज रहे थे , जो है धार का पथ. 19 वर्ष की आयु में उन्होंने अभ्यास शुरू करने और सिद्धांतों को छोड़ने का निर्णय लिया, तब जाकर वह पूर्वी “आलोकीक शुन्यात ” का तीन बार अनुभव कर पाए जिसने उनकी आत्मा और चित्त पर एक अविस्मरणीय निशान छोड़ दिया.

28 वर्ष की आयु में उनका विवाह "नेग्रिता " नाम की स्त्री से हुआ जिसे वे प्रेम करते थे.

1958 में उन्होंने तीन महत्वपूर्ण आंदोलनों का अनुकलन प्राप्त किया एक में जिसे कहा जाता है AGLA (ACCION GNOSTICA LIBERTA DORA DE AMERINDIA).

जब वह ३३ वर्ष के थे, उन्हें नोस्टिक शिक्षा को विश्व भर में फैलाने का यह महँ विशाल लक्ष्य सौंपा गया. फिर मेक्सिको में बसने से पहले उन्होंने उत्तर की ओर आचरण किया जैसे पनामा, कोसता रिका, सल्वाडोर, आदि. यह मेक्सिको में हुआ की उनकी शिक्षा ने क्रांति मचाई और फिर उन्होंने वहाँ पर इस महान अंतर्राष्ट्रीय नोस्टिक आंदोलन का मुख्यालय स्थापित किया.

दिसम्बर 24, 1977, 60 वर्ष की आयु में श्री सामाएल आउन वियोर का निधन हो गया.

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दुसरे चित्र सामाएल आउन वियोर केसामाएल ऑन वेओर जीवनी


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